मेरा बचपन पर हिंदी
निबंध: My
Childhood Essay in Hindi
My
Childhood Essay in Hindi : बचपन
जीवन का सबसे सुंदर और मासूम समय होता है | जब मैं अपने बचपन के बारे में
सोचता हूँ, तो मन
में ढेर सारी खुशी भरी यादें उभर आती हैं | मेरा बचपन गांव में बीता, जहाँ हर दिन एक नई कहानी की तरह लगता था | सुबह उठते ही माँ की गोद में लिपटना, पापा के साथ खेलना और दोस्तों के साथ धमाचौकड़ी मचाना – ये
सब बातें आज भी मेरे दिल को छू जाती हैं | इस निबंध में मैं अपने बचपन की उन
मीठी यादों को साझा करूँगा, जो हर बच्चे के जीवन में खास होती हैं | मेरा बचपन पर हिंदी निबंध लिखते हुए मुझे लगता
है कि यह समय कितना अनमोल है, जो कभी लौटकर नहीं आता |
मेरा जन्म एक छोटे से गांव में हुआ था | घर के पास ही एक बड़ा सा मैदान था, जहाँ मैं और मेरे दोस्त रोज खेलते थे | हम क्रिकेट खेलते, कभी फुटबॉल, तो कभी छुपन-छुपाई | याद है, एक बार बारिश में भीगते हुए हमने कीचड़ में लोट-पोट होकर
खूब मस्ती की | माँ डांटतीं, लेकिन उनकी डांट में भी प्यार छिपा होता था | स्कूल जाना भी मजेदार था | क्लास 1 से ही मैं बैग उठाकर दौड़ता हुआ जाता | टीचर हमें कहानियाँ सुनातीं, जैसे अकबर-बीरबल की या पंचतंत्र की | उन कहानियों से मैंने बहुत कुछ सीखा, जैसे दोस्ती का महत्व और ईमानदारी | लेकिन स्कूल में सबसे अच्छा लगता था रिसेस का
समय, जब हम सब टिफिन शेयर
करते और हँसते-खेलते | एक बार मैंने स्कूल में अपनी पहली साइकिल चलाई, गिरा भी, लेकिन
दोस्तों ने उठाया और फिर से सिखाया | उस दिन की खुशी आज भी मेरे चेहरे
पर मुस्कान ला देती है |
बचपन में परिवार का साथ सबसे बड़ा सहारा होता है | मेरे दादाजी शाम को मुझे गोद में बिठाकर पुरानी
कहानियाँ सुनाते | वे बताते कि कैसे वे खुद बच्चे थे और जंगल में
जाकर आम तोड़ते थे | मैं उनकी कहानियों में खो जाता | माँ रोज रात को लोरी गाकर सुलातीं, और पापा सुबह उठाकर पार्क में घुमाने ले जाते | त्योहारों का मजा अलग ही था | दीवाली पर पटाखे जलाना, होली में रंगों से खेलना – ये सब यादें मेरे दिल में बसी
हैं | लेकिन बचपन में कुछ दुख भी थे | एक बार मैं बीमार पड़ गया, बुखार से तप रहा था | माँ रात भर जागकर मेरी देखभाल
करतीं | उस समय मुझे
लगा कि माँ का प्यार दुनिया की सबसे बड़ी दवा है | ऐसे पल मुझे सिखाते हैं कि जीवन में सुख-दुख
दोनों आते हैं, लेकिन
परिवार का साथ सब कुछ आसान कर देता है |
दोस्तों के बिना बचपन अधूरा है | मेरे दोस्त राहुल और नेहा हमेशा साथ खेलते
| हम तीनों मिलकर पेड़ पर
चढ़ते, नदी किनारे पत्थर
फेंकते | एक बार हमने मिलकर एक छोटा सा घर बनाया था, जहाँ हम अपनी कहानियाँ बनाते
| लेकिन स्कूल बदलने पर हम
अलग हो गए | आज भी
उनकी याद आती है, और मैं
सोचता हूँ कि काश वो दिन लौट आएँ | बचपन की ये मासूमियत हमें सिखाती है कि जीवन में
छोटी-छोटी खुशियाँ कितनी महत्वपूर्ण हैं | अब बड़ा होकर जिम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं, लेकिन बचपन की यादें मुझे हमेशा तरोताजा रखती हैं |
अंत में, मेरा
बचपन मुझे सिखाता है कि जीवन की असली खुशी सरल चीजों में छिपी है | हर बच्चे को अपने बचपन का भरपूर मजा लेना चाहिए, क्योंकि ये दिन कभी नहीं लौटते | मेरा बचपन पर हिंदी निबंध लिखते हुए मुझे एहसास
होता है कि ये यादें मेरी ताकत हैं | अगर आप भी अपने बचपन की यादों को संजोए रखें, तो जीवन हमेशा सुंदर लगेगा
| बचपन की मिठास हर दिल को
छूती है, और यह हमें बड़ा होने
पर भी बच्चा बनाए रखती है |