यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो हिंदी निबंध: Yadi Main Antariksh Yatri Hota Hindi Nibandh

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यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो हिंदी निबंध: Yadi Main Antariksh Yatri Hota Hindi Nibandh



Yadi Main Antariksh Yatri Hota Hindi Nibandh : कभी-कभी रात को आसमान की ओर देखते हुए मैं सोचता हूं कि अगर मैं एक अंतरिक्ष यात्री होता तो कितना मजा आता |  अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में घूमना, सितारों को करीब से देखना और पृथ्वी को एक नीले गोले की तरह निहारना – यह सब कितना रोमांचक लगता है! बचपन से ही मैंने किताबों में पढ़ा है कि अंतरिक्ष यात्री कैसे कड़ी मेहनत से तैयार होते हैं और फिर रॉकेट में सवार होकर आकाश की सैर पर निकल पड़ते हैं |  यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो हिंदी निबंध में मैं अपनी उस कल्पना को शब्दों में उतारता, जहां सपने हकीकत से मिलते हैं |  यह निबंध मेरे उन भावों को व्यक्त करता है, जहां उत्साह, डर और खुशी सब एक साथ घुलमिल जाते हैं |

 

सबसे पहले, अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए मुझे बहुत तैयारी करनी पड़ती |  मैं स्कूल में विज्ञान और गणित पर खूब ध्यान देता, क्योंकि अंतरिक्ष यात्रा में ये सब बहुत जरूरी होते हैं |  फिर, मैं NASA या ISRO जैसे संगठनों में ट्रेनिंग लेता |  वहां मुझे पानी में तैरना सिखाया जाता, जहां गुरुत्वाकर्षण न होने का अभ्यास होता |  मैं घंटों जिम में पसीना बहाता, ताकि मेरा शरीर मजबूत बने |  कभी-कभी थकान से चूर हो जाता, लेकिन दिल में एक सपना होता – अंतरिक्ष में उड़ान भरने का |  यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो, मैं अपने परिवार से कहता कि मैं जा रहा हूं एक ऐसी यात्रा पर, जहां से लौटकर मैं दुनिया को नई नजर से देखूंगा |  मां की आंखों में चिंता देखकर मेरा दिल भर आता, लेकिन पापा की प्रोत्साहन भरी बातें मुझे हिम्मत देतीं |  यह भावनाएं मुझे इंसान होने का एहसास करातीं, कि सपने पूरे करने में परिवार का साथ कितना महत्वपूर्ण है |

 

 

फिर आता वह दिन, जब रॉकेट लॉन्च होता |  मैं स्पेससूट पहनकर रॉकेट में बैठता, दिल की धड़कनें तेज हो जातीं |  काउंटडाउन शुरू होता – दस, नौ, आठ… और अचानक रॉकेट की आग की लपटें मुझे ऊपर की ओर धकेलतीं |  पृथ्वी से दूर होते हुए मुझे डर लगता, लेकिन साथ ही एक अनोखी खुशी भी |  अंतरिक्ष में पहुंचकर सब कुछ बदल जाता |  वहां कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं, तो मैं हवा में तैरता फिरता |  खाना भी स्पेशल ट्यूब में आता, और सोना भी बैग में लटककर |  मैं खिड़की से बाहर देखता – सितारे चमकते, ग्रह घूमते, और पृथ्वी दूर से एक सुंदर नीला गोला लगती |  यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो हिंदी निबंध में मैं बताता कि पृथ्वी को देखकर कितना प्यार उमड़ता है |  हमारे घर, नदियां, पहाड़ – सब कितने छोटे लगते, लेकिन कितने कीमती! कभी-कभी अकेलापन महसूस होता, क्योंकि अंतरिक्ष की सन्नाटे में सिर्फ मशीनों की आवाजें होतीं |  तब मैं अपने दोस्तों और परिवार की याद करता, और सोचता कि वापस लौटकर उन्हें सब बताऊंगा |  यह भावनाएं निबंध को जीवंत बनाती हैं, क्योंकि अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ विज्ञान नहीं, बल्कि दिल की बात भी है |

अंतरिक्ष में मैं प्रयोग करता, जैसे पौधे उगाना या नए ग्रहों की खोज |  मैं चंद्रमा पर उतरता, जहां धूल भरी जमीन पर कदम रखकर गर्व महसूस करता |  वहां से पृथ्वी का सूर्योदय देखना कितना अद्भुत होता! लेकिन हर यात्रा में चुनौतियां भी होतीं |  अगर कोई मशीन खराब हो जाती, तो मुझे शांत रहकर उसे ठीक करना पड़ता |  डर लगता कि कहीं वापस न लौट पाऊं, लेकिन ट्रेनिंग की वजह से मैं हार नहीं मानता |  यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो, मैं समझता कि जीवन में धैर्य और मेहनत से कुछ भी संभव है |  यह निबंध बच्चों को सिखाता है कि सपने देखना अच्छा है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है |

अंत में, यात्रा पूरी करके जब मैं पृथ्वी पर लौटता, तो सब कुछ नया लगता |  हवा, पानी, पेड़ – सब कितने अनमोल! मैं स्कूलों में जाकर बच्चों को अपनी कहानी सुनाता, ताकि वे भी अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखें |  यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता तो हिंदी निबंध में मैं कहता कि अंतरिक्ष हमें सिखाता है कि हमारी पृथ्वी कितनी सुंदर है, और हमें इसे बचाना चाहिए |  यह यात्रा मुझे अधिक दयालु और जिम्मेदार बनाती |  कुल मिलाकर, अंतरिक्ष यात्री बनना एक सपना है जो मुझे प्रेरित करता है |  अगर तुम भी ऐसा सोचते हो, तो आज से ही पढ़ाई शुरू कर दो!

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